जुदाई
हाय जुदाई कैसी आई भूल गए सब शिकवा हम
बाद तेरे जाने के जाना रह न सकेंगे तनहा हम
के हमने महसूस किया है आज अधूरापन खुद में
कि मेरा एक हिस्सा तुम हो की तेरा एक हिस्सा हम
आजा बिन तेरे ये तय है जिंदगी नहीं गुजरेगी
कौन मनायेगा फिर हमको,किस्से करेंगे झगडा हम
आज समझ पाए है हमको तन्हाई ने समझाया
तेरी मानेंगे केर लेंगे अपनी जिद से तौबा हम
जी रहे है जैसे तैसे प्यार की हसरत लिए
शोहरत शानो शौकत जैसी चीजों पे है जिंदा हम
पंकज जैन "सुकून"
"दिल तो दिल है "पुस्तक से साभार
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