खुदा का व्यापार
मजहब की दुकाने है , खुदाओ का व्यापार है
मजहब की दुकाने है , खुदाओ का व्यापार है
अब शहर में सबसे ज्यादा इनके इश्तिहार है
अब लबों पे वाइजों के ही इबादत न रही
कि जुंबा पे तोहमते है जहन में बाजार है
क्यु खुदा के रास्तो पे दुनिया वाली दौड़ है
उसके बंदो को फरक क्या जीत है कि हार है
के खुदा खामोशियो से , दे गए कुर्बानियाँ
या तो तुम झूठे हो मियां या कि वो लाचार है
भीड़ का न मजह्बो से, ना खुदा से वास्ता
बस तमाशा देखने वालों की ये भरमार है
उसको मंदिर में , मस्जिद कैद करना भूल है
जर्रे जर्रे में है वो हमको कहां इनकार है
साथ हो लो उसके या फिर लोगों को खुश कीजिए
कि खुदा हमसे शुरू हमपे ख़तम सरकार है
BY PANKAJ JAIN@ ALL RIGHTS RESERVED
CALL TO ORDER BOOK,DVD"LOVE" OR LYRICS
09754381469
09406826679
उसके बंदो को फरक क्या जीत है कि हार है
के खुदा खामोशियो से , दे गए कुर्बानियाँ
या तो तुम झूठे हो मियां या कि वो लाचार है
भीड़ का न मजह्बो से, ना खुदा से वास्ता
बस तमाशा देखने वालों की ये भरमार है
उसको मंदिर में , मस्जिद कैद करना भूल है
जर्रे जर्रे में है वो हमको कहां इनकार है
साथ हो लो उसके या फिर लोगों को खुश कीजिए
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