किस्सा ए सफ़र
ना पूछ क्या तय किया ज़िन्दगी का सफर
हर मोड़ पे ही मंजिले बदलती गई
दूर तक राह आती नहीं थी नज़र
हर कदम उलझने साथ चलती गयी
बेहया ये तमन्नाएँ हैं इस कदर
बारी बारी से सारी मचलती गयी
थक गए पीछा करते हुए हर डगर
ज़िन्दगी आगे आगे निकलती गयी
सबका हमसा तो है किस्सा ए सफ़र
सोच सोच करके तबियत बहलती गयी
साथ आया नहीं एक अदद हमसफ़र
हर मक़ाम पे ये कमी भी खलती गयी ॥
FROM
"DIL TO DIL HAI"
BY PANKAJ JAIN@ ALL RIGHTS RESERVED
CALL TO ORDER BOOK,DVD"LOVE" OR LYRICS
09754381469
09406826679
ना पूछ क्या तय किया ज़िन्दगी का सफर
हर मोड़ पे ही मंजिले बदलती गई
दूर तक राह आती नहीं थी नज़र
हर कदम उलझने साथ चलती गयी
बेहया ये तमन्नाएँ हैं इस कदर
बारी बारी से सारी मचलती गयी
थक गए पीछा करते हुए हर डगर
ज़िन्दगी आगे आगे निकलती गयी
सबका हमसा तो है किस्सा ए सफ़र
सोच सोच करके तबियत बहलती गयी
साथ आया नहीं एक अदद हमसफ़र
हर मक़ाम पे ये कमी भी खलती गयी ॥
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