AASMANO ME
आसपास न देखी तो ढूंढी फसानो में
आसपास न देखी तो ढूंढी फसानो में
थी नही जमी पर गए आसमानों में ।
जगह-जगह जा के ख़ुशी ढूंढते रहे
मैकदों में,महफ़िलो में और मकानों में ।
कोई हो जो स्वाद भी इसका चखे जरा
प्यार को सबने सजाया मर्तबानों में ।
दाम चस्पा हो गए हर शै पे दुनिया की
घर के बदलते जा रहे है क्यू दुकानों में ।
जज्बात गायब देख के हमको यही लगा
इंसां क्या बनने लगे है कारखानों में ।
क्या करे उकता गये है अक्लमंदो से
इसलिए हम हो गए शामिल दिवानो में ।
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"DIL TO DIL HAI"
BY PANKAJ JAIN@ ALL RIGHTS RESERVED
CALL TO ORDER BOOK,DVD"LOVE" OR LYRICS
09754381469
09406826679
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