?तिया -हर कोई बनता है ?तिया -हर कोई बनता है? it's ok to be not ok sometimes हर इंसान को भीतर ही भीतर कई बार लगता रहता है की मैं बहुत खास हूँ । महान लोगों की बायोग्राफी पढ़कर आधी उम्र तक उम्मीद करता है की मुझे किसी खास लक्ष्य के लिए जीवन तैयार कर रहा है ।बेचारा सारी ठुकाई इसी मरहम के साथ झेलता है । और एक दिन जीवन ऐसे खत्म होता है जैसे किसी हॉट सीन का इंतज़ार करते -करते कोई बेकार सी सेक्सी फिल्म ख़त्म हो जाती है । लोग मनचाही शादी कर लेते है,पैसा कम लेते है,थोडा नाम भी हो जाए फिर भी सवाल उलझे रहते है ? शायद सवाल हर किसी के साथ हमेशा ही रहते है ,पर ये बात समझ में आते आते देर लेग जाती है । पुरी लाइफ आउट ऑफ़ प्लान होती है । हम सोचते क्या है .करते क्या है और होता क्या है ?यही बात मजेदार भी है अगर मज़े लेना सीख लो तो । पहली रात के दर्द के बिना दूसरी रात का मज़ा कभी आ सकता है क्या? जब कोई कामयाब होता है तो तरीका बहुत अजीब होता है । लोग कई कोशिशे करते रहते है।बहुत सीरियस होकर जो कोशिश की .पाया कि खोखली रह गयी ।ये महसूस भी बहुत बाद में...
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