जो सफर में रोक ले ,वह प्यार ही कहां
हौसला ना दे सके ,वह यार ही कहां
दौलत से सब मिलता है,इंसान भी बिकता है मगर
सब का तो है ,खुशियों का बाजार ही कहां
जो असल में चाहिए, वह नहीं तुमने दिया
जो कुछ भी दिया ,उसकी दरक|र ही कहां
नौजवान रफ्तार में तूफान को मात करता ह
तू जिससे चlaता है वह रफ्तार ही कहां
के तड़प दर्द ए दिल की हर तरफ से बढ़कर हैं
जो बीमार ए दिल ना हो बीमार ही कहां
हम तो ऐसी पी चुके जिसका सुरूर उम्र भर
मयकदे की मय में वो खुमार ही कहां
Pankaj jain
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