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Showing posts from December, 2017

जब भी करना किसी से खुलकर

जब भी करना किसी से खुलकर मोहब्बत करना, दबी -दबी सी करोगे तो यार मत करना , यह इमारत तो दिखावे की नीव , पे ना हो सबसे पहले जाहिर हकीकत करना बस वहां से मोहब्बत खत्म हो गई समझो जहां से ...

याद आते हो सनम तुम रह-रहकर

याद आते हो सनम तुम रह-रहकर आशु देते हैं गवाही बह बह कर तंग आ चुके हैं तुमसे कह कर कर थक गए हैं अब जुदाई सह सह कर हाय जुदाई कैसी आई ,भूल गए सब शिकवा हम बाद तेरे जाने के जाना, रह न सके...

जो सफर में रोक ले वो प्यार ही कहाँ

जो सफर में रोक ले ,वह प्यार ही कहां हौसला ना दे सके ,वह यार ही कहां दौलत से सब मिलता है,इंसान भी बिकता है मगर सब का तो है ,खुशियों का बाजार ही कहां जो असल में चाहिए, वह नहीं तुमने दिया जो कुछ भी दिया ,उसकी दरक|र ही कहां नौजवान रफ्तार में तूफान को मात करता ह तू जिससे चlaता है वह रफ्तार ही कहां के तड़प दर्द ए दिल की हर तरफ से बढ़कर हैं जो बीमार ए दिल ना हो बीमार ही कहां हम तो ऐसी पी चुके जिसका सुरूर उम्र भर मयकदे की मय में वो खुमार ही कहां Pankaj jain  www.speedearning.com