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HAVE FUN 24 HOURS IN LIFE? LEARN ,SHARE WITH HUNDREDS OF REAL FRIENDS(not virtual)

HAVE FUN 24 HOURS IN LIFE? LEARN ,SHARE WITH HUNDREDS OF REAL FRIENDS(not virtual) We all want to learn maximum, but  cost & time  is the real problem. after 10 hrs of work, we can't drive to any class and regularity is just impossible. We are tired of high fee on learning of our kids,so we can't think to spend for our learning. We bring a  lifelong home based enjoyable learning system with   friends & family @ rs 1/- daily cost SEE OUR BLOG TO KNOW US IN DETAIL moneyguru9.blogspot.com http://moneyguru9.blogspot. com/2013/08/how-to-get-rid-of- stress.html Kaise ho  bindaas zindagi  399/-  2 DVD+ COMPELETE PERSONALITY MAKEOVER(PHONE+VIDEO) get long lasting happiness. Speak english in 7days    799/- Set of 4 DVD +notes+TELE CALLING PRACTICE (applicable for 3 yr child to 80 yr grandpa) Study techniques 399/-  DVD+ PERSONAL PHONE SUPPORT get 40% extra marks in any exam Internet professional 399/- DVD+T

RIGHT&STRONG PARENTING(कैसे बने बच्चे दमदार और मज़ेदार एक साथ)

RIGHT&STRONG PARENTING (कैसे बने बच्चे दमदार और मज़ेदार एक साथ) 1. बच्चों को अपने जीवन में शामिल करें ,जीत में भी, हार में भी। जो मुझे सहना पड़ा है ,वो इसे तो करने ही नहीं दूंगा। यही सोचा तो आपने जो सिख लिया ,वो ये कैसे सीखेंगे। स्कूल -कॉलेज के नकली प्रोजेक्ट्स वो नहीं सिखा सकते,जो लाइफ के रियल प्रोजेक्ट सिखा सकते है। 2. अपने मुंह में कौर चबा के उन्हें मत दो। दांत उन्हें भी मिले है । मतलब ये कि अपने निष्कर्ष उनपे न थोपें। अपनी  डर और निराशा उनमे मत डालिए।बात चीत करते ही रहें, लेकिन मिलकर जवाब ढूंढे। 3. लड़कियों को लड़कों से , लडको को लड़कियों से दोस्ती करना सिखाएं। साथ ही पैसों का गणित भी समझने का मौका दें।  इंडिया में 25 तक तो हम लड़के को लड़की और पैसे से दूर दूर रखते है और 26 में शादी करके लड़की देते है ,पैसा कमाने को कहते है। बेचारा दोनों पहेलियों से लड़ते -भिड़ते बाल सफ़ेद होने लगते है।   4. अलग अलग कामों में, शौक और मस्ती में लगने दीजिये।  24 घंटे कुछ न कुछ सिखाने की  फिराक़ में न रहें।भीतर से खाली होना ही नए सृजन या क्रिएटिविटी के लिए काफी है। 5.उन्हें

कैसे हो टेंशन फ्री ?---HOW TO GET RID OF STRESS?

कैसे हो टेंशन फ्री ? हर कोई टेंशन फ्री जीना चाहता है ,पर ये बीमारी आती कहाँ से है , ये तो पता कर लें , फिर इलाज़ बहुत ही आसान  है - १. अपने को सही साबित करने की जल्दी न करें। आदमी अपनी धारणा या विचारों को अपनी औलाद से भी ज्यादा प्यार करता है और पकड़ के रखता है। स्टीव जॉब्स हो या पान सिंह तोमर,सब आखिर में यही सुनना चाहते है - देखा ,मैं सही था ना। कोई मासूम ये तो गौर ही नहीं करता कि रामजी या गांधीजी भी सबसे ये नहीं सुन पाए। 2. पैसों के पीछे भागने से पैसा नहीं मिलता। शुरू में ही पैसों की गिनती में पड़कर लोग काम शुरू भी नहीं कर पाते।  काम करते रहो ,पैसे को आना ही पड़ेगा। 3. अभावों में औलादों की सही परवरिश होती है। उसको हर परेशानी से बचाने के चक्कर में आप परेशान रहोगे ,दस साल पहले टपक जाओगे और बच्चे बेचारे आपकी वजह से अनाथ रह जाएंगे। अपने संघर्षों में उन्हें भी हिस्सा बनने दो, यही तो सबसे सही चीज़ है जो माँ बाप बच्चों को दे सकते है। 4. खुद पर हंसने वालों पर दुनिया नहीं हंसती। दूसरों पे हंसने वाला आज हंसा तो कल फंसने पे रोयेगा। खुद पे हंसने वाला हमेशा हँसता रह

WHAT IS LIFE? --ILLUSION

What is life? This is the question which is bothering almost everyone and it is left un attempted at the end. When i learnt something in school /college, It seemed to have some meaning in life. I got a good job due to that knowledge, resources were there,but i was empty within. To fight that emptiness, i went for some big cause.Wanted to write books, wanted to tour whole country & do something great. But when i fell in love, I found the real fulfillment for a while. After first break up, there was a emotional momentum, so i fell in second affair. It was final and we married, Now there was a goal of establishment of family for next 10years. In process of establishment all my emotional turbulence settled down. After settlement, there is a new emptiness. I am wandering here & there, searching someone whose life may be answer to me. All seems to stop journey at all. Or i am searching something hypothetical. When you enjoy the passing moments, all questions ev

किसको क्या कहूँ ?

किसको क्या कहूँ ? आते है दोनों ऐसे एक दूजे के भेष में किसको कहूँ मैं ख्वाब ,हकीकत कहूँ किसे ? ये सब न सोचूं और बस चलता चला जाऊ अक्लमंदी ये है तो फितरत कहूँ किसे ? फाके में जीता है वो,जिसमे खुददारी है नागवार जिसको मतलब की दुनियादारी है बर्बाद हो तो हो ,मगर बेईमान नहीं हो ये अगर कमजोरी है, ताक़त कहूँ किसे ? खुश रहके जी रहा है 'जो अपने हाल में उलझा नहीं अभी तक किसी भी सवाल में खुद से,खुदा से ,दुनिया से शिकवा नहीं कोई इसको मैं बौनापन कहू तो अजमत कहू किसे ? दूर से उनपे लिखना ,तस्वीरे  बनाना मजबूर मुफलिसी से पैसा नाम कमाना उनको तजुर्बों की कोई चीज़ समझना क्या ज़र्रा नवाजी है ,ज़िल्लत कहू किसे ? खुद का ईमान जाये,या किसीकी जान जाये भीड़ जितनी हो सके ,पीछे हमारे आये दोनों के तरीके ही इतने मिलते जुलते है मज़हब कहू किसे 'मैं सियासत कहू किसे ? देखो लबे आशिक पे  जरुरत का जिक्र है प्यार तो है लेकिन पहले अपनी फिक्र है रिश्तों में छोटे बड़े सौदों को देखकर सोचता हूँ आखिर मोहब्बत कहू किसे ? BY PANKAJ JAIN@ ALL RIGHTS RESERVED CALL TO ORDER BOOK,DVD"LOVE&q

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business of gods

खुदा का व्यापार मजहब की दुकाने है , खुदाओ का व्यापार है अब शहर में सबसे ज्यादा इनके इश्तिहार है  अब लबों पे वाइजों के ही इबादत न रही  कि जुंबा पे तोहमते है जहन में बाजार है  क्यु खुदा के रास्तो पे दुनिया वाली दौड़ है उसके बंदो को फरक क्या जीत है कि हार है के खुदा खामोशियो से , दे गए कुर्बानियाँ या तो तुम झूठे हो मियां या कि वो लाचार है भीड़ का न मजह्बो से, ना खुदा से वास्ता बस तमाशा देखने वालों की ये भरमार है उसको मंदिर में , मस्जिद कैद करना भूल है जर्रे जर्रे में है वो हमको कहां इनकार है साथ हो लो उसके या फिर लोगों को खुश कीजिए कि खुदा हमसे शुरू हमपे ख़तम सरकार है BY PANKAJ JAIN@ ALL RIGHTS RESERVED CALL TO ORDER BOOK,DVD"LOVE"  OR LYRICS 09754381469 09406826679