Skip to main content

Posts

Showing posts from October, 2013

एक डोर है , माँ ( MOTHER - a string to bind the home

एक डोर है  , माँ   बांधे हुए सारे घर को एक डोर है   , माँ  हर लम्हा सुकून भरी एक भोर है माँ ।  देख ढूँढते हुए हमकद हुआ तेरे , तेरे प्यार का कोई ओर न छोर है , माँ ।  मेरी सारी गलतियो पे रूठी ज़रा ज़रा  बिगड़ गई मुझपर कहा भी भला बुरा ।  कुछ देर को थी पत्थर और फिर पिघल गई  गुस्सा  करने में बेहद  कमजोर है माँ । ।  बाकि सारे  रिश्तो के तो रंग बदल गए  बेटे - बेटी हालातो के संग बदल गए ।  क्यु किसी मौसम  का कुछ तुझपे असर नही  लहू तेरी रगों  में ही कुछ और है माँ । ।  तेरे ही दिल का टुकड़ा दिल तोड़ रहा है  दूध के भोले कर्ज से मुह मोड़ रहा है ।  ऐसे कितने दौर यूँ आए चले गए , गुजरेगा ये भी छोटा सा दौर है माँ । ।  आजकल  गहरी नींदों की रैन नहीं है  हर जगह ही शोर है ,कुछ चैन नहीं है  गोद में तेरे  सर रखा  कि  आँख लग गई  तेरे आँचल से बाहर हर शोर है माँ।  BY PANKAJ JAIN@ ALL RIGHTS RESERVED CALL TO ORDER BOOK,DVD"LOVE"  OR LYRICS 09754381469 09406826679  

नहीं मिलता मुझको

नहीं मिलता मुझको  भूल  जाने  का  बहाना  नही  मिलता    मुझको सुकून  बिन  तेरे जाना नही मिलता  मुझको  तेरा साया जहाँ मुझसे जुदा  हो कुछ पल को  ऐसा कोई भी ठिकाना  नही मिलता मुझको  रो रहा हूँ चुरा के मैं , वो फिर भी कहता है  किसी के दिल को चुराना नही मिलता मुझको  हर जुबा से सुनी बोझिल सी दिमागी बाते  एक दिलचस्प फसाना नही मिलता मुझको  मेरे ख्वाबो में तो हरदम तू चली आती  है  क्यू तेरे ख्वाब में आना नहीं  मिलता मुझको  मेरी सासों को हुई आदत जिन हवाओ की  यार मौसम  वो पुराना नही मिलता मुझको BY PANKAJ JAIN@ ALL RIGHTS RESERVED CALL TO ORDER BOOK,DVD"LOVE"  OR LYRICS 09754381469 09406826679