Skip to main content

Posts

Showing posts from July, 2017

बड़ों से लड़कर किसी को शाबासी नहीं मिली.

हर घर में छोटे और बड़ों के नजरिए में फर्क है क्योंकि उम्र में 20 -30 सालों का फर्क है! 20 सालों में तो हमारे खुद के विचार एक जैसे नहीं रहते, तो अलग-अलग व्यक्ति अलग तो सोचेंगे ना! बचपन में खाने और खिलौनों से तसल्ली थी पर क्या जवानी में मिलेगी? बड़ों के आगे बेझिझक, मगर पूरी तमीज और प्यार से अपनी बात रखिए! उन्हें समझाने की कोशिश कीजिए. ना माने तो आखिरी निर्णय उनका है, क्योंकि उन्हें अनुभव है! यही सोचकर मामला वक्त पर छोड़ दीजिए! क्या ऐसा करने से जिंदगी बेहतर बनती है! एक बहू अपनी चचेरी बहन की शादी में जाना चाहती थी, मगर उसकी बच्ची छोटी थी! महीनों से बहन की शादी में जाने के अरमान सजा रखे थे! लेकिन शादी में पहुंचने के लिए 10 -12 घंटों का सफर जरूरी था! इतनी छोटी बच्ची को ठंड के मौसम में ले जाने की सासूजी इजाजत कैसे देती? आखिर सासू जी ने कह दिया कि “कोई कहीं नहीं जाएगा!” बहू ने सुना! चुपचाप आंखों में दो आंसू टपके! यह आंसू पतिदेव ने भी देखें, मगर बहू ने कहा कि “पापा जी मम्मी जी से मत कहो कि मैं रो रही हूं!” उसने आंसू पहुंचे और फिर से हंसते बोलते सास-ससुर को खाना खिलाने लगी! शाम होते-होते स

हर मेंबर से सीधे रिलेशन बनाए ,पति के जरिए नहीं.

एक पत्नी पति के जरिए ही उसके पूरे परिवार से जुड़ती है, लेकिन बाद में हर सदस्य को यदि बहू सहारा और सम्मान देती है तो उसे कभी प्यार की या मान की कमी नहीं हो सकती! कि व्यक्ति के साथ संबंध इस बात पर निर्भर है कि हमने उसकी भावनाओं को कितना समझा है, उसे कितनी राहत दी है और कितना काम आए हैं! इंटरपर्सनल रिलेशन ही सबसे महत्वपूर्ण है! आप चाहे बहुत बड़े व्यक्ति हो, मां-बाप , सास-ससुर या काका हो! चाहे लोग आपका बहुत आदर करते हो लेकिन आपको किसी व्यक्ति से सम्मान तभी मिलेगा जब आपसे उस व्यक्ति को राहत और सम्मान मिला हो! सिर्फ पैसा खर्च करके प्यार का प्रदर्शन पाया जा सकता है, समय खर्च करके सच्चा प्यार पनपता है! दुनिया में अधिकतर लोगों को एक ही शिकायत है कि मैंने सब के लिए इतना किया जस नहीं मिला! इससे बचने के लिए सबसे पहले जानना जरुरी है की सामने वाला सबसे पहले क्या चाहता है! हम अपने अनुभव और अकल से अंदाजा लगाते हैं कि सामने वाले के लिए यही जरूरी है, पर नजरिया में फर्क होता ही है! जैसे बच्चे को बढ़िया पढ़ाते ,लिखाते ,खिलाते, पहनाते हैं, लेकिन कभी वह बिल्कुल बच्चा बनकर आपके साथ खेलना - मस्ती करना चाहता