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STOCK MARKET FUNDAMENTAL-TECHNICAL ANALYSIS= (EASY FOR ALL)

ULTIMATE TRUTH OF LIFE-ज़िन्दगी झांट

                         ज़िन्दगी झांट किसी जगह धीरे धीरे कुछ झांट के बाल उगने लगे । शुरू शुरू में तो कुछ ही थे , तो सब चुपचाप बढ़ रहे थे और अपने आस पास और ज्यादा के उगने का इंतज़ार कर रहे थे ।पहले तो अपनी गिनती बढते देख खूब खुश हुए । जहाँ देखो ,वहां बाल ही बाल। उससे आगे दिखता नहीं था । लगा कि यही दुनिया है और इसका खुदा तो मैं  भी बन सकता हूँ । किसी दिन गलती से शैम्पू की कुछ बुँदे कुछ बालों  पर टपक गयी ।वो जरा मुलायम मुलायम से हो गए । "कुछ तो खास है यार मुझमे । "ऐसा कईयों को लगने  लगा ।  वैसे बूंद तो कहीं भी ,किसी पे भी टपक सकती थी । जब वो खूब बढ़ गए ,तो एक दुसरे में उलझने लगे । एक बड़ा लम्बा बाल बोला" अबे, दूर हट साले ,अपनी औकांत देख ,नाख़ून भर का है नहीं, ऊँगली भर बाल से भिड़ने चला है " आजकल अपने को छोटा कौन समझता है ?छोटू ने दो चार नंगी गालियाँ चिपका दी । लम्बू के दिल पे लग गई।क्यूंकि बढ़ते बढ़ते ऊपर जाने की बजाय वो घूम फिर के फिर चमड़ी तक आने लगा था । उसको डर लगा। डरने पे कोई भी सोचने लगता है । जब लगे फटने ,प्रसाद लगे बंटने ।

GHAR- SWEET HOME

घर  मेरे ख्यालों में एक घर है  जहाँ नहीं दिवार ओ दर है  बेताबी से जिसमे मेरी  राह देखती इक नज़र है ।  जिसमे आँचल की छाया है  मेरे संग संग इक साया है , जिसमे तनहा शाम नहीं है' जिसमे हंसती हुई सेहर है।  जब भी टूट के मैं जाऊं  जग से रूठ के मैं जाऊं  और जब रोऊँ तो पाऊं  किसी गोद में मेरा सर है ।  कुछ कडवाहट जहाँ नहीं  कोई बनावट जहाँ नहीं   प्यार ही प्यार भरा है जिसमे नफरत जिस घर से बाहर है ।   FROM  "DIL TO DIL HAI"  बुक BY PANKAJ JAIN@ ALL RIGHTS RESERVED CALL TO ORDER BOOK,DVD"LOVE"  OR LYRICS 09754381469 09406826679

?तिया -हर कोई बनता है? it's ok to be not ok sometimes

?तिया -हर कोई बनता है  ?तिया -हर कोई बनता है?  it's ok to be not ok sometimes हर इंसान को भीतर ही भीतर कई बार लगता रहता है की मैं बहुत खास हूँ । महान  लोगों की बायोग्राफी पढ़कर आधी उम्र तक उम्मीद करता है की मुझे किसी खास लक्ष्य के लिए जीवन तैयार कर रहा है ।बेचारा सारी ठुकाई इसी मरहम के साथ झेलता है । और एक दिन जीवन ऐसे खत्म होता है जैसे किसी  हॉट सीन का इंतज़ार करते -करते कोई बेकार सी सेक्सी फिल्म ख़त्म हो जाती है ।  लोग मनचाही शादी कर लेते है,पैसा कम लेते है,थोडा नाम भी हो जाए फिर भी सवाल उलझे रहते है ? शायद सवाल हर किसी के साथ हमेशा ही रहते है ,पर ये बात समझ में आते आते देर लेग जाती है । पुरी लाइफ आउट ऑफ़ प्लान होती है । हम सोचते क्या है .करते क्या है और होता क्या है ?यही बात मजेदार भी है अगर मज़े लेना सीख  लो तो । पहली रात के दर्द के बिना दूसरी रात का मज़ा कभी आ सकता है क्या? जब कोई कामयाब होता है तो तरीका बहुत अजीब होता है । लोग कई कोशिशे करते रहते है।बहुत सीरियस होकर जो कोशिश की .पाया कि खोखली रह गयी ।ये महसूस भी बहुत बाद में होता है । मजाक मजाक में जो कर डाला ,वह

AASMANO ME

AASMANO ME आसपास  न देखी तो ढूंढी फसानो में   थी नही जमी पर गए आसमानों में ।  जगह-जगह जा के ख़ुशी ढूंढते रहे  मैकदों  में,महफ़िलो में और मकानों में ।  कोई हो जो स्वाद भी इसका चखे जरा  प्यार को सबने सजाया मर्तबानों में ।  दाम चस्पा हो गए हर शै पे दुनिया की  घर के बदलते जा रहे है क्यू दुकानों में ।  जज्बात गायब देख के हमको यही लगा  इंसां क्या बनने लगे है कारखानों में ।  क्या करे उकता गये है अक्लमंदो से  इसलिए हम हो गए शामिल दिवानो में ।  FROM  "DIL TO DIL HAI"  BY PANKAJ JAIN@ ALL RIGHTS RESERVED CALL TO ORDER BOOK,DVD"LOVE"  OR LYRICS 09754381469 09406826679  

रिश्ते सारे टूट रहे है

रिश्ते सारे टूट रहे है  रिश्ते सारे टूट रहे है और एहसास भी रूठ रहे है आसपास की किसे खबर है बस अपने आंगन पे नज़र है भूल के खून के रिश्तों को तक सब खुद ही में जुट रहे है ॥ दौलत की है मारा मारी इंसानियत रोये बेचारी , अपनों को ही लुटे दुनिया सारे भरोसे उठ रहे है ॥ सारा बनावट का है ज़माना रिश्ते भी पड़ते है दिखाना, औरों की क्या बात करें हम अपने ही दिल से झूठ कहे है ॥ दिल का दिल से रिश्ता नहीं है जिसकी ज़रूरत, अपना वही है , बूढ़ा बाप है चेहरा तकता माँ के आंसू फूट रहे है ॥ रिश्ते सारे  टूट रहे है ......... FROM  "DIL TO DIL HAI"  BY PANKAJ JAIN@ ALL RIGHTS RESERVED CALL TO ORDER BOOK,DVD"LOVE"  OR LYRICS 09754381469 09406826679